क्या आप भारी अर्थिक तंगी का सामना कर रहे है?
क्या पूरा प्रयास करने के बावजूद घर में शांति नहीं रहती ?
क्या पूरी ताकत और प्लानिंग के साथ काम करने के बावजूद सफलता नहीं मिलती?
काम बनते बनते रुक जाते हैं?
ना चाहते हुए लोग जलते हैं तथा दुश्मन बन जाते हैं और आपकी सामाजिक प्रतिष्ठा खराब करते हैं?
अगर आपका उत्तर हा है ! तो कृपया आगे पढ़े ।
हम पुरी लगन से काम करते है। फिर भी ग्रह दशा खराब रहने के कारण अपने जिवन मे बहोत सी आर्थिक, पारिवारिक, सामाजिक परेशानी आ जाती है। आयीये जानते है किस ग्रह की दशा चलने पर अपनी कोनसी हानि होती हैं |
ग्रह शांति के लिए पुराने जमाने में विशिष्ट जड़ी बूटीयो के मिश्रण से यज्ञ किया जाता था और यज्ञ से ग्रह शांति की जाती थी अध्यात्म के साथ-साथ इसकी साइंटिफिक वजह भी है।
कुदरत में असंख्य तरह की वनस्पति या तथा जड़ी बूटियां है और हर वनस्पति तथा जड़ी बूटियां में एक विशिष्ट प्रकार का गंध है Aromatherapy मैं गंध से बहुत सी बीमारियां तथा मानवीय इच्छा पर इलाज किया जाता है।
उदाहरण के लिए अगर बता दिया जाए तो किसी खाने के पदार्थ की यदि सुगंध आ जाए तो अपनी उसे खाने की इच्छा होती है।
इसी वजह से पुराने जमाने में ऋषि मुनि ग्रह शांति, गृह शांति, बीमारी यह कार्य सिद्धि के लिए यज्ञ किया करते थे और कार्य के अनुसार जड़ी बूटियां का चयन कर यज्ञ किया जाता था।
हमने नवग्रह शांति धूप 26 जड़ी बूटियां के मिश्रण से पंचामृत से निर्माण किया है । यदि सच्ची श्रद्धा से आप नवग्रह शांति धूप जलते हैं तो आपको यह फायदे मिल सकते हैं ।
हम पुरी लगन से काम करते है। फिर भी ग्रह दशा खराब रहने के कारण अपने जिवन मे बहोत सी आर्थिक, पारिवारिक, सामाजिक परेशानी आ जाती है। आयीये जानते है किस ग्रह की दशा चलने पर अपनी कोनसी हानि होती हैं |
सूर्यग्रह दशा
नौकरी मे तणाव, सामाजिक प्रतिष्ठा मे हानी, आत्मविश्वास कि कमी, पेट कि बिमारीआ, हार्ट अटैक कि संभावना, नेत्रो कि समस्या, सरकारी नौकरी जाणे कि संभावना, व्यापार मे नुकसान, किसीभी चीज में यश प्राप्त न होणा, पिता से मनमुटाव व पैतृक संपत्ती प्राप्त होणे मे समस्या उत्पन्न होणा।
चंद्रग्रह दशा
मधुमेह कि बिमारी कि संभावना, डिप्रेशन कि समस्या, घर पे अचानक दूध देणे वाले पशुओ कि अकस्मात मृत्यू, धन कि अचानक हानी, नशिली चिजो कि लत लग जाणा, माता कि तबियत हमेशा खराब होणा, नेत्र कि समस्या, शिशुओ का पढाई में मन ना लागना, याद कियाहूआ समय पे स्मरण ना होणा, निंद न आना, खराब स्वप्न पढना, स्त्रीयो का मासिक धर्म असमय होणा ।
मंगलग्रह दशा
सरपर चोट लगना, एक आंख पर चोट लगना, खून संबंधित बिमारी जैसे , खून कि कमी, ब्लड प्रेशर हाई अथवा लो होणा, शरीर मे जोडो मे दुखणे कि समस्या, जमीन के विवाद, कोर्ट कचेरी, पौरुषत्व कि कमी ।
बुधग्रह दशा
वाणी दोष, बोलते समय हाकलाना, व्यापार मे भीषण हानी, हाथ, पाव फेफडो कि समस्या, त्वचा के विकार ।
गुरुग्रह दशा
विद्या और धन प्राप्ति में बाधा के साथ साथ व्यक्ति को बड़ों का सहयोग पाने में मुश्किले आती हैं, व्यक्ति का पाचन तंत्र कमजोर होता है, कैंसर और लीवर की सारी गंभीर समस्याएँ बृहस्पति ही देता है, संतान पक्ष की समस्याएँ भी परेशान करती हैं ।
शुक्रग्रह दशा
किसी प्रकार के त्वचा संबंधी रोग जैसे दाद-खुजली आदि उत्पन्न हो जाणा, स्वप्नदोष, धातुक्षीणता आदि रोग प्रकट होने लगते हैं, कामुक विचार हो जाते हैं, किसी महिला से विवाद होता है, संतान प्राप्ती न होणा ।
शनिग्रह दशा
नौकरी-धंधे में किसी भी प्रकार का व्यवधान, नौकरी छूटना, अनचाही जगह पर तबादला, पदोन्नति में बाधाएं, पदोन्नति तथा व्यापार-व्यवसाय में मंदी, घाटा, दिवाला निकलने की स्थिति, बेशुमार कर्ज ।
राहूग्रह दशा
राहू अशुभ परिणामकारी हो तो आपको मानसिक तनाव, आर्थिक नुकसान, स्वयं को ले कर ग़लत एडमी, आपसी तालमेल में कमी, बात बात पर आपा खोना, वाणी का कठोर होना और अपशब्द बोलना, साथ ही आपके हाथ के नाखून अपने आप टूटने लगते हैं
केतूग्रह दशा
अशु परिणामकारक केतू के लक्षण पैरी के नाखून झड़ने लगते हैं. मूत्र संबंधी या जोडों की बीमारी हो जाती है, संतान को कप्ट होता है ।
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